जहाज़ बने रहेंगे और चलेंगे अपने रास्ते पर ख़राब मौसम के बावजूद वे वापिस लौट रहे हैं छह महीने भी नहीं बीतेंगे और मैं भी लौट आऊँगा ताकि फिर से, फिर से जा सकूँ मैं छह महीने के लिए सब लौट रहे हैं, बेहतरीन दोस्तों को अलावा सबसे प्यारी और समर्पित औरतों के अलावा सब लौट रहे हैं, सिर्फ़ वे नहीं जिनकी ज़रूरत है मुझे भाग्य में कोई भरोसा नहीं, ख़ुद अपने में भरोसा और भी कम है मैं विश्वास करना चाहता हूँ कि यह बात सच नहीं कि जहाज़ों को जलाने का फ़ैशन जल्द ही ख़त्म हो जाएगा मैं जल्द ही लौटूँगा दोस्तों के बीच सपनों से लदा-फ़दा मैं निश्चय ही गाऊँगा, छह महीने भी नहीं बीतेंगे मैं लौट आऊँगा
© अनिल जनविजय. अनुवाद, 2020